रक्षाबंधन- रिश्तों का त्यौहार...! रक्षाबंधन- रिश्तों का त्यौहार...!
संबंध मन के होते हैं। रिश्तों को अहम की बेड़ियांँ ना पहनाए। संबंध मन के होते हैं। रिश्तों को अहम की बेड़ियांँ ना पहनाए।
काश उसका भी भाई होता जिसे वह राखी बांधती जो उसे सावन में लेने आता काश उसका भी भाई होता जिसे वह राखी बांधती जो उसे सावन में लेने आता
अकेली बच्ची को घर में छोड़ कर कैसे उसके माँ-बाप कैसे जा सकते है अकेली बच्ची को घर में छोड़ कर कैसे उसके माँ-बाप कैसे जा सकते है
हर राखी पर नम आँखें लिए राखी मनाने के लिए अपनी माँ के आगे पीछे तीनों घूमती रहती हर राखी पर नम आँखें लिए राखी मनाने के लिए अपनी माँ के आगे पीछे तीनों घूमती रहती
नहीं मैं ठीक हूँ। मुझे बस एक बेटी चाहिए। मुझे मेरे राहुल की बहन चाहिए। नहीं मैं ठीक हूँ। मुझे बस एक बेटी चाहिए। मुझे मेरे राहुल की बहन चाहिए।